मार्ग: gate going throat row Rd Rd. line gateway court
उदाहरण वाक्य
1.
लोक मार्ग पर उपेक्षापूर्ण व उतावलेपन से चलाकर हेमराज की मृत्यु अ0सा04 विक्रमसिंह प्रकरण की विवेचना के संबंध में कथन करता है।
2.
क्या आरोपी ने दिनॉंक-02 / 09/03 को 05.00 बजे बाण गंगा चौराहा लोक मार्ग पर वाहन क्रमॉक-एम. पी. 37 बी-7077 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया?
3.
क्या आरोपी ने दिनॉंक-21 / 04/08 को 15.00 बजे भानपुर पशु बाजार के पास, विदिशा रोड, निशातपुरा, भोपाल में लोक मार्ग पर अपना वाहन मोटर साईकिल क्रमॉक-एम. पी04-एन. एस.-5458 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया?
4.
अधीनस्थ अपील न्यायालय द्धारा वादी के सुखाधिकार के दावे को इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि वे किसी लोक मार्ग के अस्तित्व को अपने मकान सं0-664 के पश्चिम दिशा में साबित करने में असफल रहे है।
5.
क्या आरोपी ने दिनॉंक-03 / 03/06 को 07.00 बजे सुबह मौलाना कबाड़ी की दुकान के पास, सेवा सदन, भोपाल में लोक मार्ग पर अपना वाहन लोडिंग ऑटो क्रमॉक-एम. पी. 04 के-7760 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया?
6.
मेरे आलेख पर टंकित (गुलाब शर्मा) जिला न्यायाधीश, भोपालअभियुक्त पर आरोप हैं कि उसने दिनॉंक-02/09/03 को 05.00 बजे बाण गंगा चौराहा लोक मार्ग पर वाहन क्रमॉक-एम. पी. 37 बी-7077 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया।
7.
(एन. एस. मीणा) प्रथम व्य0 न्या0 वर्ग-1 के प्रथम अति0 न्या0, भोपाल (म0 प्र0) अभियुक्त पर आरोप हैं कि उसने दिनॉंक-02/09/03 को 05.00 बजे बाण गंगा चौराहा लोक मार्ग पर वाहन क्रमॉक-एम. पी. 37 बी-7077 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया।
8.
धारा-279भा0दं0सं0 में लोक मार्ग पर उतावलेपन और उपेक्षा से वाहन चलाने के फलस्वरूप उपहति कारित करने के कृत्य के लिए अपराधी व्यक्ति को दोनों भांति के कारावास से जिसकी अवधि 6माह तक होगी, या जुर्माने से, जो. 6. एक हजार रूपए तक हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
9.
(एन. एस. मीणा) प्रथम व्य0 न्या0 वर्ग-1 के प्रथम अति0 न्या0, भोपाल (म0 प्र0) अभियुक्त पर आरोप हैं कि उसने दिनॉंक-03/03/06 को 07.00 बजे सुबह मौलाना कबाड़ी की दुकान के पास, सेवा सदन, भोपाल में लोक मार्ग पर अपना वाहन लोडिंग ऑटो क्रमॉक-एम. पी. 04 के-7760 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया।
10.
भोपाल, दिनांकः-23-04-2008 आदेश खुले न्यायालय में हस्ताक्षर कर पारित किया गया मेरे आलेख पर टंकित कियाअभियुक्त पर आरोप हैं कि उसने दिनॉंक-11/09/08 को 11.30 बजे रेल्वे शादी हाल के सामने थाना गोविन्दपुरा, भोपाल में लोक मार्ग पर अपना वाहन माटर साईकिल क्रमॉक-एम. पी. 09 ए ए-5208 को उपेक्षा व उतावलेपन से चलाकर मानव जीवन संकटापन्न किया।